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बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय॥ ...



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About Us

मैं उदित मुनि नाम साहेब हूँ और यह देखकर खुश हूँ कि आप सभी जीवन में खुश हैं

जिसमें सदगुरु कबीर साहेब के ज्ञान और धनी धर्मदास साहेब के विवेक का मिलन है, यह अद्वितीय पंथ है जो सदगुरु कबीर के महान उपदेशों पर आधारित है। यह एक प्रकार की मानवतावादी सोच का प्रतीक है, जिसमें सत्य, सदाचार, और प्रेम के मूल्यों का महत्वपूर्ण स्थान है l

udit muni naam saheb


Kabir Saheb

कबीरदास या कबीर या कविर्देव ,कबीर साहेब 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संतों के भगवान थे। कबीर अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा , पाखंड और ढोंग के विरोधी थे। उन्होने भारतीय समाज में जाति और धर्मों के बंधनों को गिराने का काम किया। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महानतम कवि थे।

कबीर साहेब भारत के इतिहास में मध्यकाल के भक्ति युग में आये थे। उनकी बहुमूल्य एवं अनन्य कबीर वाणी / (Kabir Vani) कविता आज भी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं। परमेश्वर की कबीर वाणी में ढेरों गूढ़ रहस्य भरे पड़े हैं जिनके माध्यम से परमेश्वर ने विश्व को समझाने का प्रयत्न किया था। हम सभी लगभग बाल्यकाल से ही कबीर जी के दोहे (Kabir Saheb Ji Ke Dohe),

कबीर पढ़े लिखे नहीं थे, इसलिए उनके दोहों को उनके शिष्यों द्वारा ही लिखा या संग्रीहित किया गया था। उनके दो शिष्यों, भागोदास और धर्मदास ने उनकी साहित्यिक विरासत को संजोया। कबीर के छंदों को सिख धर्म के ग्रंथ “श्री गुरुग्रन्थ साहिब” में भी शामिल किया गया है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में संत कबीर के 226 दोहे शामिल हैं और श्री गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल सभी भक्तों और संतों में संत कबीर के ही सबसे अधिक दोहे दर्ज किए गए हैं। क्षितिमोहन सेन ने कबीर के दोहों को काशी सहित देश के अन्य भागों के सन्तों से एकत्र किया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने इनका अंग्रेजी अनुवाद करके कबीर की वाणी को विश्वपटल पर लाये। हिन्दी में बाबू श्यामसुन्दर दास, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, हजारीप्रसाद द्विवेदी सहित अनेक विद्वानों ने कबीर और उनकी साहित्यिक साधना पर ग्रन्थ लिखे हैं।

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Saheb Bandagi Saheb

मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा।
तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मेरा॥



Kabir Dharmdas Vanshavali

कबीर धर्मदास वंशावली मिशन (KDV Mission) के बारे में ज़रूरी जानकारीः
यह मिशन पंथ श्री हुजूर उदित मुनि नाम साहेब के आदेशानुसार चलाया जाता है.
इस मिशन के तहत, देश के अलग-अलग हिस्सों से चुने गए प्रतिनिधि, साहेब के आदेशानुसार
अपने-अपने कामों को पूरी मेहनत और लगन से पूरा करते हैं.
ये प्रतिनिधि सुबह-सुबह मिशन के कार्यालय पहुंच जाते हैं और दिनभर अपने कामों में
लगे रहते हैं.
मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिनिधियों के दृढ़ समर्पण से भरोसा है.
हम यह “कबीर धर्मदास वंशावली मिशन” का कार्य पंथ के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कर
रहे हैं। और पंथ के सेवक होने के नाते हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हमें पंथ श्री
द्वारा जो भी कार्य सौंपा जाए उसे पूरी मेहनत लगन एवं ईमानदारी से पूरा करना है।
ये प्रतिनिधि सुबह-सुबह मिशन के कार्यालय पहुंच जाते हैं और दिनभर अपने कामों में
लगे रहते हैं.



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Mission Going

मन के हारे हार हैं, मन के जीते जीति।
कहै कबीर हरि पाइए, मन ही की परतीति॥ .



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जिस मरनै थै जग डरै, सो मेरे आनंद।
कब मरिहूँ कब देखिहूँ, पूरन परमानंद॥


पंथ श्री हुजूर उदितमुनि नाम साहब // राजस्थान कार्यक्रम 2024

पंथ श्री हुजूर उदितमुनि नाम साहब // राजस्थान कार्यक्रम 2024

पंथ श्री हुजूर उदितमुनि नाम साहब // राजस्थान कार्यक्रम 2024



Event

कब है दशहरा का त्यौहार दशमी तिथि आरंभ: 12 अक्टूबर 2024 प्रातः 10 बजकर 58 मिनट पर दशमी तिथि समाप्त: 13 अक्टूबर 2024, प्रातः 09 बजकर 08 मिनट पर दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार विजयदशमी या दशहरा पर श्रवण नक्षत्र का होना बहुत कल्याणकारी और शुभ माना जाता है। साल 2024 में श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर को सुबह 5:00 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर को सुबह 4:27 बजे समाप्त हो रहा है।

12 अक्टूबर को मनाया जाएगा, 11 अक्टूबर को नामधुन प्रारम्भ होगा, निशान पूजा, आनन्दी आरती और शोभायात्रा 12 अक्टूबर को होगा। शरद पूर्णिमा व्रत 16 अक्टूबर को होगा। सप्रेम साहेब बन्दगी साहेब.. 🌹🙏🏼

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काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।