कब है दशहरा का त्यौहार दशमी तिथि आरंभ: 12 अक्टूबर 2024 प्रातः 10 बजकर 58 मिनट पर दशमी तिथि समाप्त: 13 अक्टूबर 2024, प्रातः 09 बजकर 08 मिनट पर दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार विजयदशमी या दशहरा पर श्रवण नक्षत्र का होना बहुत कल्याणकारी और शुभ माना जाता है। साल 2024 में श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर को सुबह 5:00 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर को सुबह 4:27 बजे समाप्त हो रहा है।
12 अक्टूबर को मनाया जाएगा, 11 अक्टूबर को नामधुन प्रारम्भ होगा, निशान पूजा, आनन्दी आरती और शोभायात्रा 12 अक्टूबर को होगा। शरद पूर्णिमा व्रत 16 अक्टूबर को होगा। सप्रेम साहेब बन्दगी साहेब.. 🌹🙏🏼
दशहरे का सांस्कृतिक पहलू भी है। भारत कृषि प्रधान देश है। जब किसान अपने खेत में सुनहरी फसल उगाकर अनाज रूपी संपत्ति घर लाता है तो उसके उल्लास और उमंग का पारावार नहीं रहता।[2] इस प्रसन्नता के अवसर पर वह भगवान की कृपा को मानता है और उसे प्रकट करने के लिए वह उसका पूजन करता है। समस्त भारतवर्ष में यह पर्व विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस अवसर पर 'सिलंगण' के नाम से सामाजिक महोत्सव के रूप में भी इसको मनाया जाता है। सायंकाल के समय पर सभी ग्रामवासी सुंदर-सुंदर नव वस्त्रों से सुसज्जित होकर गाँव की सीमा पार कर शमी वृक्ष के पत्तों के रूप में 'स्वर्ण' लूटकर अपने ग्राम में वापस आते हैं। फिर उस स्वर्ण का परस्पर आदान-प्रदान किया जाता है।[3] हर साल दशहरा का त्यौहार बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। देशभर में लोग अपने अनोखे अंदाज में इस मौके पर हिस्सा लेते हैं. यह वह दिन है जब भगवान राम ने दस सिर वाले रावण का वध किया था। विजयादशमी हिंदू धर्म में एक शुभ त्योहार है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। देश के हर इलाके में उत्सव की अपनी विशिष्टता है। दशहरा या विजयादशमी का त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। जहां कुछ इलाकों में लोग सार्वजनिक जुलूसों में शामिल होते हैं, वहीं कुछ इलाकों में वे राम लीला में भाग लेते हैं।
Learn More